10 साल की दुश्मनी में गिरीं 9 लाशें, मुरैना के लेपा गांव की खूनी लड़ाई की INSIDE STORY

मध्य प्रदेश के मुरैना में 6 लोगों की हत्या ने हर किसी को खौफजदा कर दिया है. बरसों से दो परिवारों के बीच जमीन को लेकर चला आ रहा विवाद शुक्रवार को खूनी हिंसा में बदल गया. लाठी-डंडों से शुरू हुआ झगड़ा, बंदूकों तक पहुंच गया. मरने वालों में एक पक्ष के 6 लोग मारे गए, जिसमें 3 महिलाएं शामिल हैं. तीन लोग घायल हुए हैं. तीन लोगों की मौत मौके पर ही हो गई थी, जबकि तीन ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया. आठ लोगों के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज करने जा रही है. इस हत्याकांड से पूरे गांव में तनाव पसर गया है. भारी तादाद में पुलिसबल की तैनाती की गई है.

यह घटना जिला मुख्यालय से 50 से 60 किलोमीटर दूर लेपा गांव में हुई और मारे गए तीनों पुरुष और तीनों महिलाएं एक ही परिवार से थे.पुलिस ने बताया कि मृतकों और आरोपियों के बीच पुरानी दुश्मनी थी. मृतकों के रिश्तेदारों पर कुछ साल पहले आरोपियों के परिवार के दो सदस्यों की हत्या करने का आरोप है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल,सोहनिया थाना क्षेत्र के लेपा भड़ोसा गांव में गजेंद्र सिंह तोमर और धीर सिंह तोमर के परिवार के बीच लंबे अरसे से जमीन का विवाद चला आ रहा है. पहले भी इनके बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें कुछ लोग मारे गए थे. उसी के चलते शुक्रवार फिर जमीन खून से लाल हो गई. गजेंद्र सिंह के बेटे राकेश ने बताया है कि शुक्रवार की सुबह ही सभी लोग गांव पहुंचे थे, तभी धीर सिंह के परिवार के सदस्यों ने लाठी डंडों से हमला बोल दिया और फिर गोलियां चलाईं.

इस गोली कांड में कुसमा ने अपने पति, बेटे और तीन बहुओं को खोया हैं. वह बताती हैं कि साल 2013 में जमीन को लेकर विवाद हुआ था. हमारे परिवार के लोगों का उस मामले से कोई लेना देना नहीं था, फिर भी नाम लिखा दिया था. समझौते पर 6 लाख रुपये भी दिए थे. शुक्रवार को सुबह गांव पहुंचे तो उन लोगों ने मारपीट की और गोली चला दी.

गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठा गांव

इस विवाद और गोली बारी के जो वीडियो सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि पहले विवाद हुआ, डंडों से हमला किया गया और फिर एक ओर से बंदूकें थामे लोगों ने गोलियां दागनी शुरू कर दीं. इसमें छह लोगों को गोली लगी और उनमें से तीन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, जबकि तीन अन्य की रास्ते में मौत हो गई.

बताया जा रहा है कि जिस जमीन पर विवाद है, वह ज्यादा उपजाऊ भी नहीं है. यह 4-6 एकड़ की जमीन है, जिसका एक अधिकतर हिस्सा पथरीला है.बाकी के हिस्से पर सरसों की खेती होती है. गजेंद्र सिंह और धीर सिंह इसी पर अपना दावा ठोकते रहे.

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